top of page

साँसों का एक निश्चित आवंटन है ?

Writer's picture: hindu sanskarhindu sanskar

एक निश्चित आवंटन है आपके पास


हम ने बहुत बार सुना होगा के अमुक ने सांस छोड़ दी या अमुक की सांस खत्म हो गयी, इसका क्या अर्थ है, ज्यादा गहरायी में ना जाते हुए, इसका सरल सा अर्थ है की उस मनुष्य का साँसों का आवंटन खत्म हो गया,


जिस पल हम मे आत्मा प्रवेश करती है या जीवन आता है भ्रूण स्तर पर तभी से हमारी साँसों का निश्चित आवंटन घटना शुरू हो जाता है,


अब आप सोचो की आपका कितना आवंटित भाग है, अब उसे आप कैसे कर्म में उपयोग या भोग कर रहे है यह आप पर निर्भर करता है,

हमे यह सोचना चाहिए की हमारा आवंटन वही रहेगा बस उसके दौरान हम क्या कर रहे यह हमे सोचना है


आवंटन समाप्त होने से पहले आप कुछ पुण्य की कार्य कर ले तोह शेष जीवन सुखमये रहेगा और हाँ एक बात, आपकी कर्म पर निर्भर करता है की आपका आवंटन घटाया या बढ़ाया जाये,


सोचिए थोड़ा इस विषय पर,


संस्कार क्रिया से शरीर, मन और आत्मा मे समन्वय और चेतना होती है, कृप्या अपने प्रश्न साझा करे, हम सदैव तत्पर रहते है आपके प्रश्नो के उत्तर देने के लिया, प्रश्न पूछने के लिया हमे ईमेल करे sanskar@hindusanskar.org संस्कार और आप, जीवन शैली है अच्छे समाज की, धन्यवाद् 

Comments


bottom of page