यज्ञ क्या है ?
- hindu sanskar
- Oct 22, 2020
- 1 min read
रिग वेद के अनुसार यज्ञ परमात्मा है । यज्ञ में देव ( परमात्मा ) की सङ्कति एवं आराधना होती है । देवपूजन का अर्थ द्रव्य , समय एवं स्वयं ( पूजक की आत्मा ) का दान ( उपयोग ) होता है ।
इसीलिए पुराणों में ' यज्ञ ' भगवान् का एक अवतार भी स्वीकार किया गया है ।

अत : ' यज्ञ ' का अर्थ परमात्मा है ।
परमात्मा का ही विस्तार ब्रह्माण्ड है । सम्पूर्ण यज्ञ साधन परमात्मा में ही कल्पित हैं । यही " यज्ञेन यज्ञमयजन्त देवाः " अथवा " ब्रह्मार्पणं " " ब्रह्महविः " का अर्थ है । परमात्मा की आराधना ही मनुष्य को इष्ट है ।
संस्कार क्रिया से शरीर, मन और आत्मा मे समन्वय और चेतना होती है
कृप्या अपने प्रश्न साझा करे, हम सदैव तत्पर रहते है आपके प्रश्नो के उत्तर देने के लिया, प्रश्न पूछने के लिया हमे ईमेल करे sanskar@hindusanskar.org संस्कार और आप, जीवन शैली है अच्छे समाज की, धन्यवाद्
Comments