top of page

तपस्या-अहंकार का त्याग

Writer's picture: hindu sanskarhindu sanskar

एक साधु व एक डाकू एक ही दिन मरकर यमलोक पहुंचे, धर्मराज उनके कर्मों का लेखा-जोखा खोलकर बैठे थे और उसके हिसाब से उनकी गति का हिसाब करने लगे।


निर्णय करने से पहले धर्मराज ने दोनों से कहा: मैं अपना निर्णय तो सुनाउंगा लेकिन यदि तुम दोनों अपने बारे में कुछ कहना चाहते हो तो मैं अवसर देता हूं, कह सकते हो।


डाकू ने हमेशा हिंसक कर्म ही किए थे उसे इसका पछतावा भी हो रहा था अतः, अत्यंत विनम्र शब्दों में बोला"महाराज: मैंने जीवन भर पापकर्म किए जिसने केवल पाप ही किया हो वह क्या आशा रखे आप जो दंड दें, मुझे स्वीकार है।"

Sadhu

डाकू के चुप होते ही साधु बोला "महाराज: मैंने आजीवन तपस्या और भक्ति की है मैं कभी असत्य के मार्ग पर नहीं चला सदैव सत्कर्म ही किए इसलिए आप कृपा कर मेरे लिए स्वर्ग के सुख-साधनों का शीघ्र प्रबंध करें।"

.

धर्मराज ने दोनों की बात सुनी फिर डाकू से कहा: "तुम्हें दंड दिया जाता है कि तुम आज से इस साधु की सेवा करो"


डाकू ने सिर झुकाकर आज्ञा स्वीकार कर ली।

यमराज की यह आज्ञा सुनकर साधु ने आपत्ति जताते हुए कहा "महाराज! इस पापी के स्पर्श से मैं अपवित्र हो जाऊंगा मेरी तपस्या तथा भक्ति का पुण्य निरर्थक हो जाएगा मेरे पुण्य कर्मों का उचित सम्मान नहीं हो रहा है।


धर्मराज को साधु की बात पर बड़ा क्षोभ हुआ, वह क्षुब्ध होकर बोले: निरपराध व्यक्तियों को लूटने और हत्या करने वाला डाकू मर कर इतना विनम्र हो गया कि तुम्हारी सेवा करने को तैयार है।


तुम वर्षों के तप के बाद भी अहंकार ग्रस्त ही रहे, यह नहीं जान सके कि सब में एक ही आत्मतत्व समाया हुआ है तुम्हारी तपस्या अधूरी और निष्फल रही, अत: आज से तुम इस डाकू की सेवा करो, और तप को पूर्ण करो।

उसी तपस्या में फल है, जो अहंकार रहित होकर की जाए, अहंकार का त्याग ही तपस्या का मूलमंत्र है और यही भविष्य में ईश्वर प्राप्ति का आधार बनता है, झूठे दिखावे तप नहीं हैं, ऐसे लोगों की गति वही होगी जो साधु की हुई।

भक्ति भाव से होती है नाकि आडम्बर से नहीं, संस्कार क्रिया से शरीर, मन और आत्मा मे समन्वय और चेतना होती है, कृप्या अपने प्रश्न साझा करे, हम सदैव तत्पर रहते है आपके प्रश्नो के उत्तर देने के लिया, प्रश्न पूछने के लिया हमे ईमेल करे sanskar@hindusanskar.org संस्कार और आप, जीवन शैली है अच्छे समाज की, धन्यवाद् 

Comments


bottom of page