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शीतला अष्टमी या बसौड़ा, जानें महत्व और शुभ मुहूर्त

हिंदुओं में शीतला अष्टमी का विशेष महत्व है। शीतला माता को समर्पित यह दिन होली के आठवें दिन मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी का पर्व मनाया जाता है।


शीतला अष्टमी तिथि और शुभ मुहूर्त:

  • शीतला अष्टमी 4 अप्रैल दिन रविवार (चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि)

  • शीतला अष्टमी पूजा मुहूर्त 4 अप्रैल, सुबह 06 बजकर 08 मिनट से शाम 06 बजकर 41 मिनट तक

  • अष्टमी तिथि आरंभ 4 अप्रैल, सुबह 4 बजकर 12 मिनट

  • अष्टमी तिथि समापन 5 अप्रैल, सुबह 2 बजकर 59 मिनट

इस बार यह शुभ तिथि 4 अप्रैल दिन रविवार को है। इस पर्व में माता शीतला का व्रत और पूजन का विधान बताया गया है। शीतला माता की पूजा में मां को भोग बासी ठंडा खाना से लगाया जाता है, जिसे बसौड़ा के नाम से जानते हैं। उत्तर भारत में शीतलाष्टमी के पर्व को बसौड़ा के ही नाम से जानते हैं। इस दिन बासी भोजन ही प्रसाद के रूप में खाया जाता है।


मान्यता है कि इस दिन के बाद से बासी भोजन खाना बंद कर दिया जाता है। यह पूजा माता शीतला का प्रसन्न करने के लिए किया जाता है ताकि गर्मी के दिनों में होने वाली बीमारियों से घर की रक्षा की जा सके।


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