आप सब ने स्वर्ग और नर्क के बारे में ज़रूर सुना होगा,
पर हम कहा जाएंगे, यह हमे कैसे पता,
ना भूतकाल न भविष्य काल, बस हमे वर्तमान काल में ध्यान देना है, अर्थात "अभी" "यहाँ" में अपने विचार और उन विचारों के कर्म से यह निर्धारित कर सकता हूँ कि में कहा जाऊँगा और क्या बनाऊंगा,
संस्कार क्रिया से शरीर, मन और आत्मा मे समन्वय और चेतना होती है, कृप्या अपने प्रश्न साझा करे, हम सदैव तत्पर रहते है आपके प्रश्नो के उत्तर देने के लिया, प्रश्न पूछने के लिया हमे ईमेल करे sanskar@hindusanskar.org संस्कार और आप, जीवन शैली है अच्छे समाज की, धन्यवाद्
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