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मनुष्य जन्म से नहीं बल्कि

Writer's picture: hindu sanskarhindu sanskar

मनुष्य जन्म से नहीं बल्कि अपने कर्मों से महान बनता है, आत्मा अपने कर्म जानती है पर हम हमेशा अपनी न खत्म होने वाली महत्वाकांक्षाओं की दौड़ में आत्मा की वाणी को नकारते रहते है,


आखरी सांस तक हमारा कुछ ना कुछ बचा रहता है, क्यों,

सोचिये, क्या हम त्याग नहीं सीख पाते और संचित कर्म में प्रारब्ध की रचना करते रहते है,

संस्कार क्रिया से शरीर, मन और आत्मा मे समन्वय और चेतना होती है, कृप्या अपने प्रश्न साझा करे, हम सदैव तत्पर रहते है आपके प्रश्नो के उत्तर देने के लिया, प्रश्न पूछने के लिया हमे ईमेल करे sanskar@hindusanskar.org संस्कार और आप, जीवन शैली है अच्छे समाज की, धन्यवाद् 

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