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सनातन काल में हमारे लम्बे केश क्यों रहते थे ?

लम्बे बाल हमारे शरीर में अधिक मात्रा में ऊर्जा आकर्षित करते है, जटा या केश हमारे कपाल पर ऊर्जा का स्त्रोत होता है,


सनातन ज्ञान के अनुसार हमारा शरीर एक उल्टे वृक्ष के सामान है जिसमे हमारी रीड की हड्डी एक तना है, साथ में तन्त्रिका तन्त्र उसकी शाखाएं और केश हमारी जड़ है, अगर जड़ मजबूत और घनी होगी तो हमारा वृक्ष मजबूत रहेगा और एक समन्वय बना रहेगा तन, मन और आत्मा में ,

संस्कार क्रिया से शरीर, मन और आत्मा मे समन्वय और चेतना होती है, कृप्या अपने प्रश्न साझा करे, हम सदैव तत्पर रहते है आपके प्रश्नो के उत्तर देने के लिया, प्रश्न पूछने के लिया हमे ईमेल करे sanskar@hindusanskar.org संस्कार और आप, जीवन शैली है अच्छे समाज की, धन्यवाद् 

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