हमारी धरती एक बहुत सुन्दर संवाहक (गुड कंडक्टर) है , जो भी धारा प्रवाह हमारी शरीर में ऊर्जा के कारण होती है वह धरती में प्रवाहित हो जाती है,
इसी कारण जब हम पूजा करते है, हमारे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का स्त्रोत उत्पन्न होता है, इसी ऊर्जा का धरती में प्रवाह ना हो, हम आसान बिछाते है और उस पर बैठते है , आसान कार्य करता है उस ऊर्जा को रोकने का और हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा को कायम रखने का,
संस्कार क्रिया से शरीर, मन और आत्मा मे समन्वय और चेतना होती है, कृप्या अपने प्रश्न साझा करे, हम सदैव तत्पर रहते है आपके प्रश्नो के उत्तर देने के लिया, प्रश्न पूछने के लिया हमे ईमेल करे sanskar@hindusanskar.org संस्कार और आप, जीवन शैली है अच्छे समाज की, धन्यवाद्
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