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ईश्वर का "ना" कहना

Writer's picture: hindu sanskarhindu sanskar

अस्वीकृति केवल परमेश्वर के कहने का तरीका है, "गलत दिशा।" समस्याएं वास्तविक हो सकती हैं लेकिन यह आपकी पसंद है कि आप इसमें रहें या इससे बाहर निकलें।


फैसलों के लिए प्रतिबद्ध रहें लेकिन दृष्टिकोण में लचीला रहें। ऐसा जीवन जियो कि मृत्यु का भय कभी तुम्हारे हृदय में प्रवेश न कर सके। दूसरों के विचारों का सम्मान करें और मांग करें कि वे आपका सम्मान करें।


अपने जीवन से प्यार करो, अपने जीवन को परिपूर्ण करो, अपने जीवन की सभी चीजों को सुशोभित करो।


अतीत के बारे में कभी भी कठिन मत सोचो, यह आँसू लाता है, भविष्य के बारे में मत सोचो यह भय लाता है,

क्योंकि हम हमेशा खुद पर विश्वास न करके दूसरो पर विश्वास करते है, उनका ज्ञान, विचार और वाणी उनके जीवनी के अनुसार है, उनकी ज़िन्दगी के रास्ते के अनुसार है, वह आपका जीवन नहीं जी रहे बल्कि आप खुद अपना जीवन जी रहे है,


अपने जीवन के ख़ुशी की चाबी दूसरो के हाथ में देंगे तो हमेशा आपकी गाड़ी उनके चले और जाने रास्ते जाएगी ना की आपके,


अपने पर विश्वास रखे और उससे ज्यादा अपने अंदर बैठे उस ईश्वर पर, फिर देखे के जीवन कितना सुन्दर निखार कर आता है,


इस क्षण को एक व्यापक मुस्कान के साथ जियो, यह खुशियों को लाता है। खुद पर विश्वास है सफलता का पहला रहस्य,


ॐ नमः शिवाये

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