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सबसे बड़ा रोग ,लोग क्‍या कहेंगे

दुनिया और समाज क्या कहेगा, इस बात की चिंता में हम सारी जिंदगी बिता देते हैं,


लेकिन क्या आपने सच में इस बारे में सोचा है, क्या सच में दुनिया आपके बारे में चिंतित है,


याद रखना, जो जीवन तुम्हारा है वह तुम्हारा है और दूसरों का नहीं है, जैसे तुमने अपनी कार की चाबी किसी और को दे दी है और वह तुम्हारे लिए गाड़ी चला रहा है और तुम्हें अपनी इच्छा के अनुसार स्थानों पर ले जा रहा है,

फूल कभी भी अपनी सुंदरता और सुगंध के बारे में नहीं सोचता

अपनी कार खुद चलाएं और अपनी खुशी, खुशी और मुस्कान की चाबियां दूसरों को न सौंपें, अगर आप खुद से प्यार नहीं करते हैं तो कौन करेगा, अगर आप खुद पर भरोसा नहीं करेंगे तो कौन करेगा, जब आप अपनी आत्मा पर भरोसा नहीं कर सकते तो दूसरे आप पर क्यों भरोसा करेंगे,


सोचो, किसे पहले तुम्हारे प्यार की जरूरत है, तुम्हें या दुनिया से, दुनिया आपके साथ रहेगी या आपके बिना भी,

यदि आप वास्तव में जीवन में कुछ प्रभाव डालना चाहते हैं तो दया, धर्म करें और शाश्वत प्रेम साझा करें,

अगर कृष्ण ने दुनिया के बारे में सोचा होता, तो अधर्म का कभी अंत नहीं होता... सोचो

संस्कार क्रिया से शरीर, मन और आत्मा मे समन्वय और चेतना होती है, कृप्या अपने प्रश्न साझा करे, हम सदैव तत्पर रहते है आपके प्रश्नो के उत्तर देने के लिया, प्रश्न पूछने के लिया हमे ईमेल करे sanskar@hindusanskar.org संस्कार और आप, जीवन शैली है अच्छे समाज की, धन्यवाद् 

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