02 जुलाई, बृहस्पतिवार- वासुदेव द्वादशी, प्रदोष व्रत, जयापार्वती व्रत प्रारम्भ. 2 जुलाई को शुक्ल प्रदोष व्रत रखा जाएगा. प्रदोष व्रत भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए रखा जाता है. यह व्रत प्रति माह में दो बार त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है. एक शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी में और दूसरा कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी में. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह व्रत महत्वपूर्ण होता है.
यह व्रत भगवान कृष्ण को समर्पित है. इस दिन भक्त भगवान कृष्ण और मां लक्ष्मी की भी पूजा अर्चना करते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान का स्मरण करते हुए यह व्रत पूरा करता है उसे जन्म मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है और मृत्यु के बाद वह मोक्ष को प्राप्त होता है, इस दिन उनके सभी नामों और उनके शरीर के अंगों की बारी बारी से पूजा होती है
मां देवकी ने रखा था कृष्ण के लिए ये व्रत
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