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अति सुन्दर नवग्रह स्तोत्रम

नवग्रह स्तोत्रम हिंदू धर्मशास्त्र के अनुसार नवग्रहों की स्तुति करने के लिए ऋषि व्यास द्वारा रचित है। इस दिव्य भजन के मुख्य भाग में 9 श्लोक शामिल हैं, जो सूर्य, चंद्र, कूज, बुद्ध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु नाम को समर्पित हैं। स्तोत्रम के बोल सरल तरीके से बनाए गए हैं फिर भी एक महान अर्थ के साथ। श्लोक नवग्रहों की उपस्थिति, वंश और उनके दैवीय गुणों की व्याख्या करते हैं।


इस नवग्रह स्तोत्र के जप के लाभ व्यास द्वारा फलस्तुति भाग में स्पष्ट रूप से बताए गए हैं, जहां यह कहता है कि ग्रहों और सितारों के कारण होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है, साथ ही उन्हें अच्छे धन और भाग्य से लाभ मिल सकता है।


नवग्रह मंत्र शक्तिशाली उच्चारण हैं जो मंत्रों के लाभ के लिए नौ ग्रहों के आशीर्वाद को आमंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।

अति सुन्दर नवग्रह स्तोत्रम और उतना हे सुन्दर उसका उच्चारण एक सुन्दर बालक के द्वारा

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